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भारत के वैज्ञानिकों ने रक्त प्रवाह को सहज और डीवीटी निवारण हेतु उपकरण विकसित किया है

शरीर की भीतरी धमनियों (डीप वेन थ्रौमबोसिस-डीवीटी) या पैर की नसों में खून के थक्के जमने से जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। भारत के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित करने में सफलता प्राप्त की है जो रक्त प्रवाह को सहज करने में मददगार हो सकता है, जिससे डीवीटी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एससीटीआईएमएसटी द्वारा विकसित किए गए स्वदेशी उपकरण से अंदरुनी नसों में खून के थक्के जमने से रोकने में मदद मिलेगी और कम खर्च में जीवन पर खतरे की स्थितियों से बचा जा सकेगा

Indigenous device developed by SCTIMST of Deptt of S&T can help prevent a blood clot in deep vein and lowers cost of saving life-threatening conditions

Posted On: 13 SEP 2020

शरीर की भीतरी धमनियों (डीप वेन थ्रौमबोसिस-डीवीटी) या पैर की नसों में खून के थक्के जमने से जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। भारत के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित करने में सफलता प्राप्त की है जो रक्त प्रवाह को सहज करने में मददगार हो सकता है, जिससे डीवीटी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

इस उपकरण की मदद से उन मरीजों को खासतौर पर लाभ हो सकता है जो लंबे समय से चलने-फिरने में असमर्थ हैं, बिस्तर पर हैं, किसी ऑपरेशन के कारण चलना-फिरना बंद है, पैरों में लकवा है, डीवीटी से प्रभावित हैं। डीवीटी से सूजन, लाली, अंगों में अधिक तपन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खून के थक्कों के अलग होने और अशुद्ध रक्त के वाहिकाओं के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचने के कारण फेफड़ों को भारी नुकसान हो सकता है। इससे जीवन के लिए ख़तरा पैदा करने वाली गंभीर समस्याएं सामने आ सकती हैं।

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत स्वायत्त संस्थान श्री चित्रा तिरुनल चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेन्द्रम (एससीटीआईएमएसटी) के वैज्ञानिकों के एक दल ने डीवीटी निवारण हेतु इस उपकरण को विकसित किया है। इस अभियांत्रिकी दल में श्री जीथीन कृष्णन, श्री बीजू बेंजामिन और श्री कोरुथु पी वर्गीज़ शामिल थे।

ऐसे उपकरणों के आयात पर अब तक 2 से 5 लाख रुपए तक की लागत आती थी। देश में एससीटीआईएमएसटी द्वारा निर्मित इस उपकरण की बाज़ार में कीमत 1 लाख से भी कम होने की संभावना है।

विकसित किया गया यह उपकरण पैरों की नसों को क्रम में सिकोड़ता और खोलता है जिससे रक्त का संचार सामान्य गति से रक्त वाहिकाओं में प्रवाहित होने लगता है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया गया है कि उपकरण नसों को सिकोड़े लेकिन रक्त वाहिकाओं पर इसका दबाव न पड़े। इसके काम करने के तरीकों की निगरानी की जा सकती है और इलेक्ट्रोनिक सर्किट द्वारा इसके दबाव को नियंत्रित भी किया जा सकता है। एक विशिष्ट सॉफ्टवेयर और सर्किट की मदद से सुरक्षित दबाव स्तर सुनिश्चित किया गया है। इस उपकरण में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में पावर बैकअप का भी प्रबंध किया गया है।

इस उपकरण के निर्माण के लिए लाइसेंस देने के अधिकार केरल के कोचीन स्थित एनप्रोडक्टस को हस्तांतरित किए गए हैं। सात वर्ष की पुरानी इस कंपनी के स्वचालित और नियंत्रण वाले उत्पाद बाज़ार में है।


Deep Vein Thrombosis

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