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भारतीय संविधान-1950

India

Constitution of IndiaIndia Bharat Varsha (Jambu Dvipa) is the name of this land mass. The people of this land are Sanatan Dharmin and they always defeated invaders. Indra (10000 yrs) was the oldest deified King of this land. Manu's jurisprudence enlitened this land. Vedas have been the civilizational literature of this land. Guiding principles of this land are : सत्यं वद । धर्मं चर । स्वाध्यायान्मा प्रमदः । Read more-1950 [Hindi Version]

अनुच्छेद की लिस्ट

भाग 1

संघ और उसका राज्यक्षेत्र

1- संघ का नाम और राज्यक्षेत्र

2 – नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना

2A- सिक्किम का संघ के साथ सहयुक़्त किया जाना

3 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में रिवर्तन

4 – पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषगिक और पारिणामिक वियों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां

भाग 2

नागरिकता

5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता

6  – पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

7 – पाकिस्तान  को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्ति यों के नागरिकता के अधिकार

8  – भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उदभव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

9  – विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से आर्जितकरने वाले व्यक्ति यों का नागरिक न होना

10  – नागरिकता के अधिकारों का बना रहना

11  – संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

भाग 3

मूल अधिकार

12 – परिभाषा 

13  – मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण  करने वाली विधियां

समता का अधिकार

14- विधि के समक्ष समता

15 – धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर  विभेद का प्रतिषेध 

16 – लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता

17 – अस्पृश्यता का अंत

18 – उपाधियों का अंत

स्वातंत्र्य-अधिकार

19 – वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण

20 – अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण

21 – प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण

21A – शिक्षा का अधिकार

22 – कुछ दशाओं में गिरफ़्तारी  और निरोध से संरक्षण

शोषण के विरुद्ध अधिकार

23 – मानव के दुएर्याफार और बलातश्रम  का प्रतिषेध

24 – कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध 

धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

25 – अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता

26 – धार्मिक  कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता

27 – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवॄद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता

28 – कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता

संस्कॄति और शिक्षा संबंधी अधिकार

29 – अल्फसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण

30 – शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने का अल्फसंख्यक-वर्गों का अधिकार

31 – संपत्ति का अनिवार्य अर्जन 

कुछ विधियों की व्यावृति

31A – संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृति 

31B – कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण

31C – कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावॄत्ति

31D – राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप के संबंध में विधियों की व्यावॄत्ति

सांविधानिक उपचारों का अधिकार

32- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए  उपचार

32a – राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता पर  अनुच्छेद 32 के अधीन कार्यवाहियों में विचार न किया जाना 

33 – इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद् की शक्ति

34 – जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवॄत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर  निर्बन्धन

35 – इस भाग के उफबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान

भाग 4
राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व

36 – परिभाषा 

37 – इस भाग में अंतर्विष्ट तत्त्वों का लागू होना

38 – राज्य लोक कल्याण की अभिवॄद्धिके लिए सामाजिक वयवस्था बनाएगा

39 – राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व

39A – समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता

40 – ग्राम पंचायतों का संगठन

41 – कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार

42 –काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उबंध

43 – कर्मकारों के लिए  निर्वाह मजदूरी आदि

43A – उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना

44 – नागरिकों के लिए एक  समान सिविल संहिता

45 – बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उबंध

46 – अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवॄद्धि

47 – पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य

48 – कॄषि और शुफालन का संगठन

48A – र्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा

49 – राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण

50 – कार्यपालिका से न्यायफालिका का पृथकक़्करण

51 – अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवॄद्धि

भाग -4क
मूल कर्तव्य

51A – मूल कर्तव्य

भाग 5

 संघ

अध्याय 1— कार्यपालिका

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति

52 – भारत का राष्ट्रपति 

53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति 

54 – राष्ट्रपति का निर्वाचन

55 – राष्ट्रपति  के निर्वाचन की रीति

56 – राष्ट्रपति  की दावधि

57 – पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता 

58 – राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं

59 – राष्ट्रपति के पद  के लिए  शर्तें

60 – राष्ट्रपति द्वारा शथ या प्रतिज्ञान

61 – राष्ट्रपति पर  महाभियोग चलाने की प्रक्रिया 

62 – राष्ट्रपति के पद में रिक्ति  को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकास्मिक रिक्ति को भरने के लिए  निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि 

63 – भारत का उपराष्ट्रपति 

64 – उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति  होना

65 – राष्ट्रपति के पद में आकास्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कॄत्यों का निर्वहन

66 – उपराष्ट्रपति  का निर्वाचन

67 – उपराष्ट्रपति की पदावधि 

68 – उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए  निर्वाचन करने का समय और आकास्मिक रिक्ति को भरने के लिए  निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि 

69 – उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

70 – अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कॄत्यों का निर्वहन

71 – राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त वि

72 – क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेशके निलंबन, रिहार या लघूकरण की राष्ट्रपति की शक्ति

73- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार

मंत्रिपरिषद

74 – राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद

75 – मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध 

भारत का महान्यायवादी

76 – भारत का महान्यायवादी

सरकारी कार्य का संचालन

77 – भारत सरकार के कार्य का संचालन

78 – राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य 

 

अध्याय 2–संसद

साधारण

79 – संसद  का गठन

80 – राज्य सभा की संरचना

81 – लोक सभा की संरचना

82 – प्रत्येक जनगणना के पश्चात् पुनः समायोजन

83 – संसद  के सदनों का अवधि

84 – संसद  की सदस्यता के लिए  अर्हता

85 – संसद  के सत्र, सत्रावसान और विघटन

86 – सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार

87 – राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण 

88 – सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार

संसद के अधिकारी

89 – राज्य सभा का सभापति और उपसभापति

90 – उपसभापति का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना

91 – सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति  की शक्ति 

92 – जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना

93 – लोक सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 

94 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना

95 – अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति  की शक्ति 

96 – जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना

97 – सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते

98 – संसद  का सचिवालय 

कार्य संचालन

99 – सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

100 – सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति 

सदस्यों की निरर्हताएं

101 – स्थानों का रिक्त होना

102 – सदस्यता के लिए  निरर्हताएं

103 – सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय

104 – अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निर्हित किए जाने पर   बैठने और मत देने के लिए शास्ति

संसद और उसके सदस्यों की शक्ति यां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां

105 – संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि

106 – सदस्यों के वेतन और भत्ते

विधायी प्रक्रिया

107 – विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध

108 – कुछ दशाओं में दोनों सदनों की सयुंक्त बैठक

109 – धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया 

110 – धन विधेयक”की परिभाषा

111 – विधेयकों पर अनुमति

वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया

112 – वार्षिक वित्तीय विवरण

113 – संसद में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया 

114 – विनियोग विधेयक

115 – अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान

116 – लेखानुदानप्रत्ययानुदान और अवादानुदान

117 – वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध 

साधारणतया प्रक्रिया

118 – प्रक्रिया के नियम

119 – संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन

120 – संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा 

121 – संसद में चर्चा पर निर्बन्धन

122 – न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना

अध्याय 3
राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां

123 – संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्याफित करने की राष्ट्रपति की शक्ति 

अध्याय 4
संघ की न्यायपालिका

124 – उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन

125 – न्यायाधीशों के वेतन आदि

126 – कार्यकारी मुख्य न्यायमूार्ति की नियुक्ति 

127 – तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति

128 – उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवॄत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति 

129 – उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना

130 – उच्चतम न्यायालय का स्थान

131 – उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता

131A – केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के बारे में उच्चतम न्यायालय की अनन्य अधिकारिता

132 – कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता

133 – उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता

134 – दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता

134A – उच्चतम न्यायालय में अपील  के लिए  प्रमाणपत्र 

135 – विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना

136 – अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत

137 – निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनार्विलोकन

138 – उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वॄद्धि

139 – कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना

139A – कुछ मामलों का अंतरण

140 – उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियां

141 – उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना

142 – उच्चतम न्यायालय की डिक्रीयों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश

143 – उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति 

144 – सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना

144A – विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निटारे के बारे में विशेष उपबंध

145 – न्यायालय के नियम आदि

146 – उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय 

147 – निर्वचन

अध्याय 5
भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक

148 – भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक 

149 – नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां

150 – संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप 

151 – संरीक्षा प्रतिवेदन

भाग 6

राज्य

अध्याय 1–साधारण

152 – परिभाषा 

अध्याय 2–कार्यपालिका

राज्यपाल

153 – राज्यों के राज्यपाल 

154 – राज्य की कार्यपालिका शक्ति

155 – राज्यपाल की नियुक्ति

156 – राज्यपाल की पदावधि 

157 – राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं

158 – राज्यपाल के पद  के लिए  शर्तें

159 – राज्यपाल  द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

160 – कुछ आकास्मिकताओं में राज्यपाल  के कॄत्यों का निर्वहन

161क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार  या लघुकरण की राज्यपाल  की शक्ति 

162 – राज्य की कार्यपालिका  शक्ति  का विस्तार

मंत्रिपरिषद

163 – राज्यपाल  को सहायता और सलाह देने के लिए  मंत्रि-परिषद 

164 – मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध

राज्य का महाधिवक्ता

165 – राज्य का महाधिवक्ता 

सरकारी कार्य का संचालन

166 – राज्य की सरकार के कार्य का संचालन

167 – राज्यपाल  को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य 

अध्याय 3
राज्य का विधान-मंडल

साधारण

168 – राज्यों के विधान-मंडलों का गठन

169 – राज्यों में विधान परिषदों  का उत्सादन या सॄजन

170 – विधान सभाओं की संरचना

171 – विधान परिषदों  की संरचना

172 – राज्यों के विधानमंडलों की अवधि

173 – राज्य के विधानमंडल की सदस्यता के लिए अर्हता

174 – राज्यके विधानमंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन 

175 – सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल  का अधिकार

176 – राज्यपाल  का विशेष अभिभाषण 

177 – सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता  के अधिकार

राज्य के विधानमंडल के अधिकारी

178 –  विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

179 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष  का पद रिक्त  होना, पद त्याग और पद  से हटाया जाना

180 – अध्यक्ष के पद  के कर्तव्यों  का पालन  करने या अध्यक्ष के रूप  में कार्य करने की उपाध्यक्ष   या अन्य व्यक्ति  की शक्ति 

181 – जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद  से हटाने का कोई संकल्प  विचाराधीन है तबउसका पीठासीन न होना

182 – विधान परिषद  का सभापति और उप सभापति 

183 – सभापति और उपसभापति का पद  रिक्त  होना, पद त्याग और पद  से हटाया जाना

184 – सभापति के पद  के कर्तव्यों  का पालन  करने या सभापति के रूप  में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति  कीशक्ति

185 –  जब सभापति या उपसभापति को पद  से हटाने का कोई संकल्प  विचाराधीन है तब उसका पीठासीन  न होना

186 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते

187 – राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय

कार्य संचालन

188 – सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान

189 – सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति 

सदस्यों की निरर्हताएं

190 – स्थानों का रिक्त  होना

191 – सदस्यता के लिए निरर्हताएं 

192 – सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर  विनिश्चय

193अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ  लेने या प्रतिज्ञा करनेसे पहले  या अर्हित  न होते हुए  या निरर्हित किए जाने पर  बैठने औरमत देने के लिए  शास्ति

राज्यों के विधानमंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां

194विधानमंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार, आदि

195 – सदस्यों के वेतन और भत्ते

विधायी प्रक्रिया

196 – विधेयकों के पुरःस्थाफन और पारित  किए  जाने के संबंध में उपबंध

197 – धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन

198 – धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया

199 – धन विधेयक”की परिभाषा

200 – विधेयकों पर  अनुमति

201 – विचार के लिए  आरक्षित विधेयक

वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया

202 – वार्षिक वित्तीय विवरण

203 – विधानमंडल में प्राक्कलनो के संबंध में प्रक्रिया 

204 – विनियोग विधेयक

205 – अनुपूरक , अतिरिक्त  या अधिक अनुदान

206 – लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान

207 – वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध 

साधारणतया प्रक्रिया

208 – प्रक्रिया  के नियम

209 – राज्य के विधानमंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन

210 – विधानमंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा 

211 – विधानमंडल में चर्चा पर  निर्बंधन

212 – न्यायालयों द्वारा विधानमंडल की कार्यवाहियों की जांच  किया जाना

अध्याय 4

राज्यपाल  की विधायी शक्ति

213 – विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल  की शक्ति 

अध्याय 5

राज्यों के उच्च न्यायालय

214 – राज्यों के लिए  उच्च न्यायालय

215 – उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना

216 – उच्च न्यायालयों का गठन

217 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति  और उसके पद  की शर्तें

218 – उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों  का उच्च न्यायालयों को लागू होना

219 – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ  या प्रतिज्ञान

220 – स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात्  विधिव्यवसाय पर  निर्बंधन

221 – न्यायाधीशों के वेतन आदि

222 – किसी न्यायाधीश का एक  उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण

223 – कार्यकारी मुख्य न्यायमूार्ति की नियुक्ति 

224 – अपर  और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति 

224a – उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवॄत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति 

225 – विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता

226 – कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति 

226a – अनुच्छेद 226 के अधीन कार्यवाहियों में केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता पर  विचार  किया जाना

227 –सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति

228 – कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण

228a – राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निफटारे के बारे में विशेष उपबंध

229 – उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय 

230 – उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर  विस्तार

231 – दो या अधिक राज्यों के लिए  एक  ही उच्च न्यायालय की स्थापना

232 – निरसित 

अध्याय 6

अधीनस्थ न्यायालय

233 – जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति 

233a – कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति यों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण

234 – न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशोंसे भिन्न व्यक्तियों की भर्ती

235 – अधीनस्थ न्यायालयों पर  नियंत्रण

236 – निर्वचन

237 – कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों  का लागू होना

भाग 7

पहली  अनुसूची के भाग ख के राज्य

238 – निरसित 

भाग 8

संघ राज्यक्षेत्र

239 – संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन

239a – कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए  स्थानीय विधान-मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सॄजन

239aa – दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध 

239ab – सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध 

239b – विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित  करने की प्रशासक की शक्ति 

240 – कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति 

241 – संघ राज्यक्षेत्रों के लिए  उच्च न्यायालय

242 – निरसित 

भाग 9

पंचायत

243 – परिभाषाएं 

243a – ग्राम सभा

243b – पंचायतों  का गठन

243c – पंचायतों  की संरचना

243d – स्थानों का आरक्षण

243e – पंचायतों  की अवधि, आदि

243f – सदस्यता के लिए  निरर्हताएं

243g – पंचायतों  की शक्तियां , प्राधिकार और उत्तरदायित्व

243h – पंचायतों  द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां

243i – वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए  वित्त आयोग का गठन

243j – पंचायतों  के लेखाओं की संपरीक्षा 

243k – पंचायतों  के लिए  निर्वाचन

243l – संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना

243m – इस भाग का कतिपय  क्षेत्रों को लागू न होना

243n – विद्यमान विधियों और पंचायतों  का बना रहना

243o – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन

भाग 9क

नगरपालिकाएं

243p – परिभाषाएं 

243q – नगरपालिकाओं  का गठन

243r – नगरपालिकाओं  की संरचना

243s – वार्ड समितियोंआदि का गठन और संरचना

243t – स्थानों का आरक्षण

243u- नगरपालिकाओं  की अवधिआदि

243v – सदस्यता के लिए  निरर्हताएं

243w- नगरपालिकाओं आदि की शक्तियां प्राधिकार और उत्तरदायित्व

243x –नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित  करने की शक्ति और उनकी निधियां

243y – वित्त आयोग

243z – नगरपालिकाओं  के लेखाओं की संपरीक्षा 

243za –नगरपालिकाओं  के लिए  निर्वाचन

243zb – संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना

243zc – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना

243zd – जिला योजना के लिए  समिति

243ze – महानगर योजना के लिए  समिति

243zf – विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं  का बना रहना

243zg – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन

भाग 10

अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र

244 – अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन

244a – असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए  स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद् का या दोनों का सॄजन

भाग 11

संघ और राज्यों के बीच संबंध

अध्याय 1–विधायी संबंध

विधायी शक्तियों  का वितरण

245 – संसद  द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार

246 – संसद  द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय -वस्तु

247 – कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति 

248 – अवशिष्ट विधायी शक्तियां 

249 – राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद  की शक्ति 

250 – यदि आपात  की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद  की शक्ति 

251 – संसद  द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति

252 – दो या अधिक राज्यों के लिए  उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद  की शक्ति  और ऐसी  विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना

253 – अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए  विधान

254 – संसद  द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति

255 – सिफारिशों और पूर्व  मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना

अध्याय 2 — प्रशासनिक संबंध

साधारण

256 – राज्यों की और संघ की बाध्यता

257 – कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण

257a- निरसित

258 – कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति  प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति 

258a – संघ को कॄत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति 

259 – निरसित

260 – भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता

261 – सार्वजनिक कार्यअभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां

जल संबंधी विवाद

262 – अंतरराज्यिक  नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन

राज्यों के बीच समन्वय

263 – अंतरराज्य परिषद्  के संबंध में उपबंध 

भाग 12

वित्त, संपत्ति , संविदाएं और वाद

अध्याय 1 — वित्त

साधारण

264 – निर्वचन

265 – विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना

266 – भारत और राज्यों की संचित निधियां और लोक लेखे

267 – आकस्मिकता निधि

संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण

268 – संघ द्वारा उद्गॄहीत किए  जाने वाले किंतु  राज्यों द्वारा संगॄहीत और विनियोजित किए  जाने वाले शुल्क

268a – संघ द्वारा उद्गॄहीत किए  जाने वाला और संघ तथा राज्यों द्वारा संगॄहीत और विनियोजित किया जाने वाला सेवा-कर

269 – संघ द्वारा उद्गॄहीत और संगॄहीत किंतु  राज्यों को सौपें  जाने वाले कर

270 – उद्गॄहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण

271 – कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए  अधिभार

272 – निरसित

273 – जूट पर और जूट उत्पादों  पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान

274 – ऐसे  कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध हैप्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए  राष्ट्रपति  की पूर्व  सिफारिश की अपेक्षा 

275 – कुछ राज्यों को संघ से अनुदान

276 – वॄत्तियोंव्यापारोंआजीविकाओं और नियोजनों पर कर

277 – व्यावृत्ति

278 – निरसित

279 – शुद्ध आगम” आदि की गणना

280 – वित्त आयोग

281 – वित्त आयोग की सिफारिशें

प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध

282 – संघ या राज्य द्वारा अपने  राजस्व से किए  जाने वाले व्यय

283 – संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि

284 – लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा

285 – संघ की संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट

286 –माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन

287 – विद्युत पर करों से छूट

288 – जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट

289 – राज्यों की संपत्ति  और आय को संघ के कराधान से छूट

290 – कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन

290a – कुछ देवस्वम् निधियों को वार्षिक  संदाय

291 – निरसित

अध्याय 2

उधार लेना

292 – भारत सरकार द्वारा उधार लेना

293 – राज्यों द्वारा उधार लेना

अध्याय 3

संपत्ति , संविदाएं , अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद

294 – कुछ दशाओं में संपत्ति , आास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार

295 – अन्य दशाओं में संपत्तिआास्तियोंअधिकारोंदायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार

296 – राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति 

297 – राज्यक्षेत्रीय सागर-खंड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आार्थिक क्षेत्र के संपत्ति  स्रोतों का संघ में निहित होना

298 – व्यापार  करने आदि की शक्ति

299 – संविदाएं 

300 – वाद और कार्यवाहियां

अध्याय 4

संपत्ति  का अधिकार

300a – विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों  को संपत्ति  से वंचित न किया जाना

भाग 13

भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार , वाणिज्य और समागम

301 – व्यापार , वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता

302 – व्यापार , वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित  करने की संसद् की शक्ति

303 – व्यापार  और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों  पर निर्बंधन

304 – राज्यों के बीच व्यापार , वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन

305 – विद्यमान विधियों और राज्य के ऋकाधिकार का उपबंध  करने वाली विधियों की व्यावृत्ति 

306 – निरसित

307 – अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित  करने के लिए  प्राधिकारी की नियुक्ति

भाग 14

संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं

अध्याय 1–सेवाएं

308 – निर्वचन

309 – संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों  की भर्ती और सेवा की शर्तें

310 – संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों  की पदावधि 

311 –संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों  का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना

312 – अखिल भारतीय सेवाएं

312a – कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन  करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद् की शक्ति 

313 – संक्रमण कालीन उपबंध 

314 – निरसित

अध्याय 2

लोक सेवा आयोग

315 – संघ और राज्यों के लिए  लोक सेवा आयोग

316 – सदस्यों की नियुक्ति  और पदावधि 

317 – लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना

318 – आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवॄंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति 

319 – आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे  सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध 

320 – लोक सेवा आयोगों के कॄत्य

321 – लोक सेवा आयोगों के कॄत्यों का विस्तार करने की शक्ति 

322 – लोक सेवा आयोगों के व्यय

323 – लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन

भाग – 14क

अधिकरण

323a – प्रशासनिक अधिकरण

323b – अन्य विषयों के लिए  अधिकरण

भाग – 15

निर्वाचन

324 – निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना

325 – धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति  का निर्वाचक-नामावली में साम्मिलित किए  जाने के लिए  अपात्र  न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में साम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना

326 – लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना

327 – विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति 

328 – किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए  निर्वाचनों के संबंध में उपबंध  करने की उस विधान-मंडल की शक्ति

329 – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन

329a –निरसित

भाग 16

कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध

330 – लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए  स्थानों का आरक्षण

331 – लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व

332 – राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए  स्थानों का आरक्षण

333 – राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व

334 – स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का [16][साठ वर्षके पश्चात्  रहना

335 – सेवाओं और पदों  के लिए  अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे

336 – कुछ सेवाओं में आंग्लभारतीय समुदाय के लिए  विशेष उपबंध 

337 – आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध 

338 – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

338a – राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग

339 – अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण

340 – पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति 

341 – अनुसूचित जातियां

342 – अनुसूचित जनजातियां

भाग 17

राजभाषा

अध्याय 1–संघ की भाषा

343 – संघ की राजभाषा

344 – राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद् की समिति

अध्याय 2–प्रादेशिक भाषाएं

345 –राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं

346 – एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा

347 – किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषाके संबंध में विशेष उपबंध 

अध्याय 3

उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा

348 – उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा

349 – भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए  विशेष प्रक्रिया 

अध्याय 4

विशेष निदेश

350 – व्यथा के निवारण के लिए  अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा

350a – प्राथमिक स्तर पर मातॄभाषा में शिक्षा की सुविधाएं

350b –भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए विशेष अधिकारी

351 – हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश

भाग 18

आपात  उपबंध

352 – आपात  की उद्घोषणा

353 – आपात  की उद्घोषणा का प्रभाव

354 – जब आपात की उद्घोषणा  प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना

355 – वाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य

356 – राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध

357 – अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग

358 – आपात  के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन

359 – आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन

359a – निरसित

360 – वित्तीय आपात के बारे में उपबंध

भाग 19

प्रकीर्ण

361 – राष्ट्रपति  और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण

361a – संसद् और राज्यों के विधान-मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण

361b – लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता

362 – निरसित

363 – कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन

363a – देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थैलियों का अंत

364 – महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध

365 – संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन  करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव

366 – परिभाषाएं

367 – निर्वचन

भाग 20

संविधान का संशोधन

368 – संविधान का संशोधन करने की संसद् की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया

भाग 21

अस्थायी, संक्रमण कालीन और विशेष उपबंध

369 – राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों

370 – जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध

371 – महाराष्ट्रऔर गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध

371a – नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371b – असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371c – मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371d – आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371e – आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना

371f – सिाकिक़्म राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371g – मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध 

371h – अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

371i – गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध

372 – विद्यमान विधियों का प्रवॄत्त बने रहना और उनका अनुकूलन

372a – विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति

373 – निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति

374 – फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद् हिज मजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध

375 – संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कॄत्य करते रहना

376 – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध

377 – भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध 

378 – लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध

378a – आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध

379-391 – निरसित

392 – कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति

भाग 22

संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, [1][हिंदी में प्राधिकॄत पाठ] और निरसन

393 – संक्षिप्त नाम

394 – प्रारंभ

394a – हिंदी भाषा में प्राधिकॄत पाठ

395 – निरसन